आखिर कीमत चुकानी ही पडी गाजर घास पर काम करने की

गाजर घास के साथ मेरे दो दशक (भाग-24)

- पंकज अवधिया


शुरु के कुछ वर्षो तक गाजर घास के साथ काम करने पर मुझे तकलीफ नही हुयी पर धीरे-धीरे दमा (अस्थमा) जैसे लक्षण आने लगे। पहले लगा कि आम सर्दी-खाँसी है। इसकी दवा चलती रही पर जब साधारण दवाओ ने असर दिखाना बन्द कर दिया और मर्ज बढता ही गया तो आधुनिक चिकित्सको को परागकणो से होने वाले एलर्जी का शक हुआ। उन्होने दिनचर्या का ब्यौरा माँगा तो उन्हे दिन मे कई बार गाजर घास शब्द सुनायी दिया। उनके कान खडे हो गये। जल्दी ही यह स्पष्ट हो गया कि रोग की जड गाजर घास है। उन्होने कठोर शब्दो मे कहा कि गाजर घास से दूर रहे। आप ही बताइये क्या यह सम्भव है? ऐसा कैसे हो सकता था कि मै अभियान से दूर रहूँ और आम लोगो को गाजर घास नष्ट करने के लिये प्रेरित करुँ? चिकित्सको की बात अनसुनी कर दी। जब भी साँस लेने मे तकलीफ होती तो दमा का औषधियाँ ले लेता था। एक रात पानी सिर से ऊपर पहुँच गया। साँस की तकलीफ के कारण अस्पताल की शरण लेनी पडी। चिकित्सको ने कहा कि एक इंजैक्शन लगवा लीजिये तो तीन माह तक आप गाजर घास के पास जाकर भी नुकसान से बचे रहेंगे। इस बारे मे छानबीन की तो पता चला कि अभी तो ठीक है पर बाद मे कम समय अंतराल मे इसे लगवाना होगा और फिर इसके बिना जीवन मुश्किल हो जायेगा।

इसी बीच पारम्परिक चिकित्सको से मैने सलाह ली। उन्होने कहा कि गाजर घास के पास भी रहना है और आधुनिक दवा भी नही लेनी है तो फिर एक ही उपाय है और वह है शरीर को मजबूत बनाना। जीवन को नियमित करो और शरीर को रोगो से लडने मे सक्षम बनाओ। मैने इसे अपनाया। समय पर खाना और अच्छा खाना आरम्भ किया। कुछ ही दिनो मे आधुनिक दवाओ पर निर्भरता कम हो गयी फिर तो दवा लिये बहुत से वर्ष बीतते गये। पारम्परिक चिकित्सको ने सलाह दी कि यह साधना आजीवन करनी होगी। जरा सी भी चूक फिर से उसी समस्या को जगा देगी।

मैने गाजर घास से प्रभावित बहुत से लोगो से मुलाकात की है। उन्हे पता है कि एलर्जी किससे है। वे उस स्थान को छोडकर जा नही सकते। गाजर घास के साथ रहने के लिये उन्होने बहुत से उपाय अपने अनुभव से सीखे। आप जानते ही होंगे कि प्रदूषण वाले इलाको मे लोगो को गुड खाने की सलाह दी जाती है। इससे रक्त से प्रदूषक निकल जाते है और उनका बुरा प्रभाव नही पडता है। गाजर घास की एलर्जी से बचाव के लिये भी प्रभावित लोग गुड का सहारा लेते है। पारम्परिक चिकित्सक इस सरल प्रयोग पर अपनी सहमति देते है। वे कहते है कि गुड के प्रभाव को स्थायी बनाने के लिये इसे हल्दी के साथ लेना जरुरी है। जब गाजर घास के कारण साँस की तकलीफ बढती है तो लोग गरम पानी पीना आरम्भ कर देते है। पानी घूँट-घूंट करके पीया जाता है। इससे उन्हे राहत महसूस होती है। ऐसा क्यो होता है-यह स्वास्थ्य विशेषज्ञ ही भली-भाँति बता सकते है।

कुछ वर्षो पहले मै जबलपुर-नागपुर रोड मे जबलपुर के पास गाजर घास के प्रकोप की तस्वीरे ले रहा था। मुझे सरकारी विभाग द्वारा नियुक्त कुछ कर्मचारी मिले जो कि गाजर घास को हाथो से उखाड रहे थे। उन्होने कोई भी सुरक्षा उपाय नही अपनाये थे। विभाग की तरफ से उन्हे इसके विषय मे जानकारी नही दी गयी थी। मैने उनसे पूछा कि क्या यह घास कोई नुकसान नही पहुँचाती? लगा जैसे मैने उनकी दुखती रग को छेड दिया। उन्होने अपने हाथ मे गाजर घास के कारण हुये त्वचा रोग को दिखाया। यह भी बताया कि उनमे से कई को साँस की बीमारी भी हो गयी है। पर फिर भी काम तो काम है। फायदा हो या नुकसान काम तो करना ही है। उन्होने बताया कि सरसो के तेल को पूरे शरीर मे लगा कर गाजर घास उखाडने से कम असर होता है। यह उनकी मजबूरी थी कि वे रोज-रोज तेल का खर्च नही उठा सकते थे। ऐसे न जाने कितने सारे लोग गाजर घास के अभिशाप को झेल रहे है।

अभी हाल ही मे बहुत से ऐसे चिकित्सक जो गाजर घास जनित रोगो की चिकित्सा मे दक्ष है, हमारे संगठन से जुड गये है। इससे उन सैकडो मरीजो को आसानी हो जाती है जो सही परामर्श के अभाव मे भटकते रहते है। वे मुझसे सम्पर्क करते है तो मै इन चिकित्सको के पास उन्हे भेज देता हूँ। संगठन से आया जानकर ज्यादातर मामलो मे चिकित्सक उनसे फीस नही लेते है। यह भी एक बहुत बडा योगदान है इस अभियान मे।

[गाजर घास पर आधारभूत जानकारी के लिये इंटरनेशनल पार्थेनियम रिसर्च न्यूज ग्रुप की वेबसाइट पर जाये।]

(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)

© सर्वाधिकार सुरक्षित



शेष आलेखो के लिये इस कडी को चटकाए गाजर घास के साथ मेरे दो दशक

Comments

पकंज जी आप का लेख गाजर घास काफ़ी समय से पढ रहा हु, आज दमे के बारे पढा तो कान खडे हो गये , क्या आप कोई देशी इलाज बताये गे दमे के बारे मे, इस का थोडा असर मेरी वीवी को होता हे जुलाई मे जब यहां खुब गरमी होती हे, फ़िर एक दम से बरसात हो जाये तो या हम कही समुन्दर के किनारे घुमाने जाये तब,उन १, २ महिनो मे मेरी वीवी का बुरा हाल हो जाता हे, कोई देसी इलाज हो तो बताये.
धन्यवाद

Popular posts from this blog

Medicinal Plants used with Pemphis acidula Forst. based Ethnoveterinary Formulations by Indigenous Shepherd Community

Research References on Potential Indigenous Phytomedicines for Covid-19 like viral diseases from Medicinal Plant Database by Pankaj Oudhia (Contd.)