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Showing posts from May, 2008

क्या ऐसा ही कृषि अनुसन्धान चाहते है भारतीय किसान?

इस लेख को आप इकोपोर्ट पर पढ सकते है। देश भर मे छप रहे और छप चुके इस लेख पर व्यापक प्रतिक्रियाए हुयी है। पीडीएफ मे उपलब्ध इस लेख को आप इस कडी पर जाकर पढ सकते है। http://ecoport.org/ep?SearchType=reference&ReferenceID=557479

बच के भारतीय किसानो 'नोनी माफिया' आपकी तलाश मे है

कैसे नोनी की खेती के दिवास्वप्न दिखा कर भारतीय किसानो को ठगने की तैयारी चल रही है, इस पर केन्द्रित यह लेख देश भर मे छप चुका है। आप इकोपोर्ट की इस कडी पर जाकर पीडीएफ मे उपलब्ध इस लेख को पढ सकते है। http://ecoport.org/ep?SearchType=reference&ReferenceID=557425 Updated Information and Links on March 05, 2012 New Links :  http://www.scribd.com/doc/ 83154451/Remedial-Measures- for-Toxicity-of-Traditional- Herbal-Medicines-Recent- Topics-in-Pankaj-Oudhia%E2%80% 99s-Medicinal-Plant-Database- Part-1 http://www.scribd.com/doc/ 83041234/New-Topics-in-Pankaj- Oudhia%E2%80%99s-Medicinal- Plant-Database Related Topics in Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database at  http://www.pankajoudhia.com Celastrus paniculatus as important ingredient of Pankaj Oudhia’s Complex Herbal Formulations (Indigenous Traditional Medicines) used in treatment of Type II Diabetes (Madhumeh) with Sudhoul And Dronpushpi as Primary Ingredients (Research Documents on Medicinal Plants of Madhya

गाजर घास पर आन-लाइन मासिक पत्रिका का प्रकाशन

दुनिया के दस सबसे खतरनाक माने जाने वाले खरपतवारो मे से एक गाजर घास (पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस) के विभिन्न पहलुओ पर काम कर रहे वैज्ञानिको, किसानो, स्वयमसेवियो, छात्रो सभी के बीच नवीनतम जानकारियो के आदान-प्रदान के लिये एक जून, 2008 से एक आन-लाइन मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है। इसका नाम इंटरनेशनल पार्थेनियम रिसर्च न्यूज है। यह पत्रिका अंग्रेजी मे प्रकाशित होगी पर शीघ्र ही इसे हिन्दी मे भी प्रकाशित किया जायेगा। यह नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी। आप सभी से अनुरोध है कि अपना योगदान लेखो, समाचारो आदि के रुप मे दे। प्रथम अंक के लिये अंतिम तिथि है 25 मई, 2008. योगदान इस पते पर भेजे pankajoudhia(at)gmail.com

'गाजर घास : एक घातक शत्रु ' अब आनलाइन

मैने 1997 मे 'गाजर घास : एक घातक शत्रु ' नामक हिन्दी पुस्तक लिखी थी। अब इस पुस्तक को इंटरनेट पर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा हूँ। इसी कडी मे इसका प्रथम अध्याय गाजर घास पर आधारित दुनिया की पहली वेबसाइट मे प्रकाशित किया है। आप आमंत्रित है इसे पढने के लिये। गाजर घास :एक घातक शत्रु. अध्याय-1 http://www.iprng.org/DetailArticlesWork.aspx?id=93

रतनजोत उखाडकर नष्ट करने का फरमान, आओ! मेरठ प्रशासन का करे सम्मान

पिछले दिनो मेरठ से खबर आयी कि स्थानीय प्रशासन ने आम निवासियो से अनुरोध किया है कि वे अपने आस-पास उग रहे रतनजोत को उखाड फेके। जहाँ एक ओर पूरे देश मे डीजल के विकल्प के रुप मे इस पौधे को लगाया जा रहा है ऐसे मे इस तरह का फरमान सामने आये तो इससे सबका चौकना तय था। समाचार के अनुसार मेरठ के आस-पास बच्चो द्वारा रतनजोत के बीज को खाकर बीमार होने के पचास से अधिक मामले सामने आये तो नाराज पालको ने प्रदर्शन किया। इसी को देखते हुये प्रशासन ने रतनजोत के नुकसान को भाँपते हुये इसे तुरंत ही उखाडने का निर्देश दे दिया। रतनजोत (जैट्रोफा) के दुष्प्रभावो को जानने वाले ऐसे फरमानो की उम्मीद बहुत वर्षो से कर रहे थे। आज पूरे देश मे आम लोगो को इस जहरीले पौधे के विषय मे पूरी जानकारी दिये बिना ही व्यापक पैमाने पर इसे लगाया जा रहा है। परिणामस्वरुप इसके हानिकारक प्रभाव सामने आने लगे। आज यह कोई नही बता पा रहा है कि रतनजोत से बायोडीजल कब बनेगा पर मनुष्यो से लेकर वन्य प्राणियो तक सभी के लिये यह विदेशी पौधा अभिशाप बनता जा रहा है। आज सारा देश क्रिकेट, फिल्मो और राजनीति पर चर्चा कर रहा है। ऐसे मे बहुत कम लोग जानते

तिलहन फसल अलसी के अंकुरण पर गाजर घास का प्रभाव

घातक खरपतवार गाजर घास पर शोध सन्दर्भ- 3 Oudhia, P., Kolhe, S.S. and Tripathi, R.S. (1997). Allelopathic effect of Parthenium hysterophorus L. on germination of Linseed . Indian J. Plant Physiol. 2 (4). 327-329. यह शोध पत्र गाजर घास से तैयार विभिन्न सत्वो के तिलहन फसल अलसी के अंकुरण पर होने वाले दुष्प्रभावो को दर्शाता है। इस प्रयोग से यह जानने मे सहायता मिलती है कि गाजर घास का कौन सा भाग इस फसल के लिये अधिक नुकसानदायक है। यह शोध पत्र उस शोध कार्य पर आधारित है जो मैने इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर मे पढाई के दौरान किया था। मूल शोध पत्र देश-विदेश के सभी पुस्तकालयो मे उपलब्ध है। [गाजर घास पर आधारभूत जानकारी के लिये इंटरनेशनल पार्थेनियम रिसर्च न्यूज ग्रुप की वेबसाइट पर जाये।]

गाजर घास का सरसो, कोदो और अन्य खरपतवारो पर दुष्प्रभाव

घातक खरपतवार गाजर घास पर शोध सन्दर्भ- 2 Oudhia, P. and Tripathi, R.S. (1998). Allelopathic effects of Parthenium hysterophorus L. on Kodo , Mustard and problematic weeds . First International Conference on Parthenium Management (Vol. II) UAS, Dharwad 6-8 Oct. 1997: 136-139. यह शोध पत्र गाजर घास से तैयार विभिन्न सत्वो के कोदो और सरसो की फसल के अंकुरण और पौध ओज पर होने वाले दुष्प्रभावो को दर्शाता है। इस प्रयोग से यह जानने मे सहायता मिलती है कि गाजर घास का कौन सा भाग इन फसलो के लिये अधिक नुकसानदायक है। कोदो और सरसो के अलावा गाजर घास के सत्वो का प्रभाव हानिकारक खरपतवारो के अंकुरण और पौध ओज पर भी देखा गया। इससे यह जानने मे सहायता मिलती है कि गाजर घास का प्रयोग अन्य खरपतवारो के विनाश मे कैसे किया जा सकता है। यह शोध पत्र उस शोध कार्य पर आधारित है जो मैने इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर मे पढाई के दौरान किया था। मूल शोध पत्र देश-विदेश के सभी पुस्तकालयो मे उपलब्ध है। [गाजर घास पर आधारभूत जानकारी के लिये इंटरनेशनल पार्थेनियम रिसर्च न्यूज ग्रुप की वेबसाइट पर जाये।]