ऐसे ‘नैनो’ से तो बरबाद हो जायेगा देश

ऐसे नैनो से तो बरबाद हो जायेगा देश

- पंकज अवधिया

कुछ वर्षो पहले मै विशेष आमंत्रण पर मुम्बई गया। वहाँ पहुँचते ही मुझे चाय परोसी गयी और पूछा गया कि क्या चाय कडक है? मैने सहमति मे सिर हिलाया फिर उन्होने झट से एक पतली सी प्लेट रख दी नीचे और कहा कि अब पीजिये आपको चाय कम कडक लगेगी। मैने चाय पी तो कुछ फर्क नही लगा पर उनका लिहाज करते हुये मैने कहा कि हाँ कुछ तो फर्क लगता है। फिर उन्होने ढेरो ऐसी चीजे दिखायी एक से बढकर एक दावो के साथ। कहा कि इसे आप मोबाइल के पास रख देंगे तो यह हानिकारक तरंगो को सोख लेगा। सिगरेट पीने से पहले सिगरेट के पास रख देंगे तो निकोटिन गायब हो जायेगा फिर आप शौक से सिगरेट पीजिये। शराब के साथ भी ऐसा होगा। मुझे यह सब किसी विज्ञान कथा से कम नही लगा। एक पल तो मै अभिभूत हो गया फिर वैज्ञानिक मन यह चिंतन करने लगा कि भला यह कैसे सम्भव है। मैने उनसे वैज्ञानिक व्याख्या चाही तो वे टाल गये। काफी देर तक उत्पादो की तारीफ करते रहे। मै चकित था कि मुझे सलाह लेने के लिये बुलाया गया है या सलाह देने के लिये। मुझे प्रभावित होता न देखकर वे बडे निराश लगे।

भोजन के बाद वे असली बात पर आये। उन्होने कहा कि उनके पास ऐसी प्लेटे भी है जिन्हे खेत मे लगा देने से कीटनाशक डालने के बाद भी अन्न मे इसका असर नही दिखेगा। वे चाहते थे कि मै अपने लेखो मे इसका जिक्र करूँ ताकि ये उत्पाद बिकने लगे। मैने कहा कि आप इसे भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद से अनुमोदन करवा लीजिये। यदि आपका दावा सही है तो यह किसी चमत्कार से कम नही है। उन्होने कहा कि वे चाहते है मै यह परीक्षण करूँ। मै तैयार हो गया और लागत राशि बता दी। फिर भोजन का समय हो गया। उनके एक साथी ने पास आकर फिल्मी स्टाइल मे कहा कि यदि आपको हम लागत राशि के दुगुने पैसे दे और आप प्रयोग करे बिना इसे सही ठहरा दे तो आपका क्या जवाब है?

अब सारी बात मेरी समझ मे आ गयी थी। मै वापस आ गया पर कुछ दिनो पहले जब मेरे एक रिश्तेदार के हाथो मे मैने यही प्लेट देखी तो मेरे मन मे सारा घटनाक्रम घूम गया। रिश्तेदार ने बताया कि जब मै किसी वस्तु को धकेलता हूँ तो मुझे ताकत लगती है पर जब दस हजार की इस प्लेट को लगाता हूँ तो ताकत नही लगती। बडी कम्पनी मे ऊँचे ओहदे पर काम करने वाले इस रिश्तेदार की बेवकूफी भरी बात सुनकर मै चकित रह गया। वे आगे बोले कि यह प्लेट दिल की शक्ति को बढा देती है। असर न होते देखकर बेशरमी से कहा कि आप इसे बिकवायेंगे तो एक प्लेट के पीछे चार हजार मिलेंगे। वे नेटवर्क़ मार्केटिंग से जुडे हुये है। उन्होने बताया कि यह उत्पाद जापान मे बना है और नैनो टेक्नोलाँजी से बना है। मैने उनसे जब नैनो टेक्नोलाँजी के बारे मे पूछा तो वे बगले झाँकने लगे।

मुझे याद आता है कि जब मै काँलेज मे पढता था तो उपभोक्ता संरक्षण की बडी-बडी बाते होती थी, लेख लिखे जाते थे। पर अब सब कुछ शाँत हो गया है। उपभोक्ताओ का असली शोषण तो अब आरम्भ हुआ है। यदि आप नेटवर्क मार्केटिंग के जरिये खपाये जा रहे उत्पादो का अध्ययन करेंगे तो पायेंगे कि अब तक हमारे अपने लोगो के माध्यम से देश का अरबो रूपया आस-पास के देशो मे चला गया है। यह क्रम जारी है। खुलेआम नोनी और रिशी मशरूम जैसे उत्पादो की बिक्री जारी है। इन्हे खुले आम सब रोगो की दवा बताया जा रहा है। मजदूर-किसान इन्हे खरीदने अपना घर गिरवी रख रहे है। भले ही इस तरह की मार्केटिंग के नुस्खे हमारे देश के बडे-बडे प्रबन्धन संस्थान देते है पर मै इसे दीमक की तरह मानते है जो हमारे तंत्र को अन्दर से खोखला करते जा रहे है। एक दिन यह भरभरा के गिर जायेगा। यदि विदेशी कम्पनियाँ सीधे आये तो धरने-प्रदर्शन शुरू हो जाते है पर आपके अपने रिश्तेदार के माध्यम से ये कम्पनियाँ पहुँचे तो आप चाह कर भी कुछ नही कर पाते है। इसी का लाभ कम्पनियाँ उठाती है।

मै अपने गाँव वालो को स्थान-स्थान पर दीमक से जूझते देखता रहा। एक जगह मारो तो दूसरी जगह प्रग़ट हो जाते है। एक दिन सारे गाँव वालो के साथ मिलकर ऐसा अभियान छेडा कि उसकी रानी को ही नष्ट कर दिया। फिर क्या सालो तक दीमक की समस्या खतम। पता नही कब हमारा समाज नेटवर्क़ मार्केटिंग के माध्यम से बेचे जा रहे घटिया उत्पादो के लिये ऐसा ही अभियान चलायेगा और नयी पीढी को इन दीमको से मुक्ति दिलवायेगा।

(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)

© सर्वाधिकार सुरक्षित

Comments

वाकई मार्केटिंग नेटवर्क में पब्लिक को मूर्ख बनाया जा रहा है और पब्लिक है कि खुद मूर्ख बनने के बाद कोई अगला बंदा ढूंढ़ती ही है कि अपना पैसा तो वसूल करें!!

ये दीमक की रानी वाला किस्सा जरा विस्तार से समझाएंगे कि कैसे संभव है यह!!
दर-असल रायपुर में जितनी भी नई कॉलोनियां बन रही है सब घरों में दीमक की समस्या बहुत हैं, शायद आपकी कॉलोनी में भी हो, मेरी कॉलोनी मे तो है ही।

Popular posts from this blog

World Literature on Medicinal Plants from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database -220

बहुत कमजोरी के कारण सिर ऊँचा नही कर पाना

World Literature on Medicinal Plants from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database -78