आप सुझाये, मै मेडीसिनल प्लांट के लिये दुनिया मे कही भी जा सकती हूँ

आप सुझाये, मै मेडीसिनल प्लांट के लिये दुनिया मे कही भी जा सकती हूँ

प्रश्न: I have a great interest in Aromatic and Medicinal Plants, have taken few Plant Biotechnology courses . I want to fulfill my Father's dream of planting medicinal plants in large scale at our home state Orissa.

I am looking for the Universities where I can learn advanced way of plantation of medicinal and aromatic plants . I am ready to go any university around the world to pursue this course.

It will be great if you can suggest me some good university and courses which I can pursue related to this. As you have done research in medicinal and aromatic plans for a long time, it will be my fortune to get advice from you. Presently I am studying in USA.

उत्तर: आपके सन्देश के लिये धन्यवाद। जैसा कि आपने लिखा है कि आप अभी अमेरिका मे अपनी पढाई कर रही है, आप इसे पूरी करे। सही मायने मे पूछे तो मै आपको माँ प्रकृति के विश्वविद्यालय मे दाखिल होने की सलाह दूंगा। इसी विश्वविद्यालय मे आपको औषधीय और सगन्ध वनस्पतियो के विषय मे सही जानकारी मिल सकती है। ऐसी जानकारी मानवनिर्मित विश्वविद्यालय शायद ही दे पाये।

हमारे देश के प्रतिभाशाली युवा बडी संख्या मे विदेशो मे शिक्षा प्राप्त कर रहे है और फिर वही बसना पसन्द कर रहे है। मुझे इस बात की चिंता है कि ऐसे मे भारतीय जैव-सम्पदा की कौन सुध लेगा? सारा विश्व भारतीय सम्पदा का कायल है। बडे-बडे वैज्ञानिको को यह अफसोस है कि उन्होने क्यो भारत भूमि मे जन्म नही लिया। और दूसरी ओर आप जैसे प्रतिभाशाली लोग है जो इस भूमि से दूर हो रहे है।

मेरा कार्य छत्तीसगढ पर केन्द्रित है पर शोध के लिये मुझे देश भर मे जाना होता है। उडीसा जाना मै पसन्द करता हूँ। मै चाहता हूँ जिस तरह छत्तीसगढ मे पारम्परिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण हो रहा है वैसे ही प्रयास उडीसा मे भी होने चाहिये। आप अपने पिता के स्वप्न को साकार करिये। मै आपके साथ हूँ इस स्वप्न को साकार करने के लिये। शुभकामनाए।


भूमिका: इंटरनेट पर हजारो शोध दस्तावेज होने के कारण प्रतिदिन सैकडो ई-मेल आते रहते है। सभी चाहते है कि उन्हे जवाब मिले और वह भी बिना देरी के। एक सहायक रखा है पर फिर भी सन्देशो का ढेर बढता जाता है। मै देश के कृषि पत्रिकाओ मे भी लिखता हूँ इसलिये किसान भी बडी संख्या मे पत्र भेजते रहते है। मै ई-मेल सन्देशो की बजाय इन पत्रो को अधिक प्राथमिकता देता हूँ। एक सन्देश का जवाब देना यानि प्रेषक से सम्वाद का स्थापित होना। प्रेषक बार-बार लिखते है। फोन कालो की भी बाढ आयी रहती है। घर पर भी आगंतुको का मेला लग जाता है। इसलिये मैने इस ब्लाग के माध्यम से कुछ चुने हुये प्रश्नो का उत्तर देने की योजना बनायी है। प्रश्न किसी भी भाषा मे हो उत्तर हिन्दी मे देने की व्यवस्था रहेगी।

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