चलिये क़र्जग्रस्त किसानो के लिये करे एस.एम.एस.
चलिये क़र्जग्रस्त किसानो के लिये करे एस.एम.एस. - पंकज अवधिया देश भर के बडे टी.वी. चैनलो पर आजकल ढेरो एस.एम.एस. आ रहे है। कही संगीत की प्रतियोगिता चल रही है तो कही लोगो से ताजा समाचारो पर एस.एम.एस. के माध्यम से प्रतिक्रिया माँगी जा रही है। कुछ दिनो पहले ताजमहल के लिये देश भर के लोगो ने असंख्य एस.एम.एस. किये। मुझे कई बार यह महसूस होता है कि एस.एम.एस. के माध्यम से आम लोगो की अभिव्यक्ति किसी क्रांति से कम नही है। टी.वी. चैनलो की भी इसमे अहम भूमिका है जिनका प्रस्तुतीकरण लोगो की जेब खाली करवा लेता है। इस लेख के माध्यम से मै उनसे अनुरोध करना चाहूंगा कि वे देश हित मे मेरा प्रस्ताव सुने। वे यदि विदर्भ सहित देश के उन हिस्सो मे जहाँ किसान आत्महत्या के लिये मजबूर है, जाकर रोज वहाँ के किसानो के योगदान और उनके कर्ज के विषय मे कार्यक्रम प्रस्तुत करे तो कुछ ही दिनो मे एस.एम.एस. के माध्यम से इतना धन एकत्र हो जायेगा कि किसानो की एक पूरी पीढी तर जायेगी। किसानो ने सदा से हमारे लिये अन्न उपजाया गया। उनका हम पर बहुत कर्ज है। आज समय आ गया है कि हम पहल कर एकजुटता का परिचय दे...